मेरी पोशाक उतरी मैं नंगा हो गया।
मेरी आंगन मे जब कल दंगा हो गया।।
कुपोषण भूखमरी सब सरकारी दावे हैं।
खूँ पीके यहाँ खटमल भी चंगा हो गया।।
(To b cntnd..- © बख़्त फ़क़ीरी)
मेरी आंगन मे जब कल दंगा हो गया।।
कुपोषण भूखमरी सब सरकारी दावे हैं।
खूँ पीके यहाँ खटमल भी चंगा हो गया।।
(To b cntnd..- © बख़्त फ़क़ीरी)
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