फ़रियादी हूँ मौला, आवाज़ दे।
नमाज़ों को मेरी, नवाज़ दे।।
अदा कर इल्म की सल्तनत।
इक मुरिशद दे, फैय्याज़ दे।।
नज़्मों से निकले हमा-तरन्नुम।
इलाही इक ऐसा साज दे।।
वो दे दे जो मेरा है।
हमआवाज़ दे, फराज़ दे।।
लावारिस मुझमें देखें वालिद ।
दे मुझको, ये अंदाज दे।।
- © बख़्त फ़क़ीरी "Desh Ratna"
No comments:
Post a Comment